अगर भरोसा उपरवाले पर है,
तो लिखा तक़दीर में है वही पाओगे,
मगर भरोसा अगर खुद पर है,
वाही पाओगे जो आप चाहते हो।
आज उसकी एक बात ने मुझे मेरी गलती की यूँ सजा दी…
छोड़ कर जाते हुए कह गई,
जब दर्द बर्दाश्त नहीं होता तो मुझ से मोहब्बत क्यूँ की….!!!!
उसके साथ जीने का इक मौका दे दे, ऐ खुदा..
तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे..
बड़े ही चुपके से भेजा थामेरे महबूब ने मुझे एक गुलाबकम्बख्त उसकी खुशबू नेसारे शहर में हंगामा कर दियाHappy Rose Day
हम तो मुफ्त की सलाह दे कर बर्बाद हो गए;
अब तो आलम ऐसा है की मांगने पर भी खेरात नहीं देते…..
सूरज हर शाम को ढल ही जाता है
पतझड बसंत में बदल ही जाता हे
मेरे मन मुसीबत में हिम्मत मत हारना
समय कैसा भी गुजर ही जाता है
बसंत पंचमी की बधाई