किसी गरीब की झोली में,
जब मैंने एक सिक्का डाला,
तब पता चला कि –
महंगाई के इस दौर में,
दुआएं, आज भी कितनी सस्ती हैं।
हम तो मुफ्त की सलाह दे कर बर्बाद हो गए;
अब तो आलम ऐसा है की मांगने पर भी खेरात नहीं देते…..
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
सुनो...जब कभी देख लुं तुम को....तो मुझे महसूस होता है कि...दुनिया खूबसूरत है|
बिना West Indies के खिलाड़ियों के आईपीएल वैसा है जैसे बिना छोले के भठूरे..