दुनिया में सब चीज मिल जाती है,….
केवल अपनी गलती नहीं मिलती…..
बलबुध्धि विद्या देहू मोहि
सुनहु सरस्वती मातु
राम सागर अधम को
आश्रय तूही देदातु!!
एक फूल अजीब था,
कभी हमारे भी बहुत करीब था,
जब हम चाहने लगे उसे,
तो पता चला वो किसी दूसरे का नसीब था ।
मैंने दबी आवाज़ में पूछा - "मुहब्बत करने लगी हो?"नज़रें झुका कर वो बोली - "बहुत"
तेरा प्यार मेरी जिंदगी में
बहार ले कर आया है,
तेरे आने से पहले हर दिन
पतझड़ हुआ करता था।