चाहता कौन है बेवफ़ायी करना
उसने परिवार सम्भाला होगा
यही सोच कर समझाता हूँ ख़ुदको
मजबूर होकर मुझे दिल से निकाला होगा
किसी गरीब की झोली में,
जब मैंने एक सिक्का डाला,
तब पता चला कि –
महंगाई के इस दौर में,
दुआएं, आज भी कितनी सस्ती हैं।
माता-पिता अपनी बिटिया के लिए सुयोग्य वर खोजते समय दो बातों का ख्याल रखते हैं, एक तो लड़का खाते पीते घर का हो दूसरा वह पीता खाता न हो
कुछ तो धड़कता है ,रूक रूक कर मेरे सीने में ..
अब खुदा ही जाने, तेरी याद है या मेरा दिल......
वो पड़ोसन भी आतंकवादी से कम नहीं होती...
जो नई साड़ी ख़रीद कर सीधे आप की बीबी को दिखाने आती है....