चाहता कौन है बेवफ़ायी करना
उसने परिवार सम्भाला होगा
यही सोच कर समझाता हूँ ख़ुदको
मजबूर होकर मुझे दिल से निकाला होगा
कमाल की निशानेबाज हो तुम
तिरछी नजर से भी सीधा दिल पे वार करती हो
Bin tere mujko Zindagi se khauff lagta hai
Kisto Kisto mein marr raha hu aisa roz lagta hai…
इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद,
मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद!!
Har khushi apki rahe,
Har muskan apke hothon par saji rahe,
Rang bhare iss tyohar ki tarha,
Apki zindagi bhi rangeen rahe.