दिल की किताब में गुलाब उनका था,रात की नींद में ख्वाब उनका था,कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था.
एक जैसे दोस्त सारे नही होते,कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते,आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ,कौन कहता है ‘तारे ज़मीं पर’नहीं होते.
मेरी पलकों का अब नींद से कोई ताल्लुक नही रहा,मेरा कौन है ये सोचने में रात गुज़र जाती है…!!!
जाने उस शख्स को कैसे ये हुनर आता है,रात होती है तो आँखों में उतर आता है,मैं उस के खयालो से बच के कहाँ जाऊं,वो मेरी सोच के हर रस्ते पे नजर आता है !