वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं,
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
जीत किसके लिए,हार किसके लिए,जिन्द गी भर यह तकरार किसके लिए,जो भी आया है वो जाऐगा एक दिन,फिर ये अहंकार किसके लिए।..
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा ???
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है !!!
उठाये जो हाथ उन्हें मांगने के लिए,
किस्मत ने कहा, अपनी औकात में रहो।