वो मुझे भूल गयी है लेकिन उसकी यादें अब भी मुझे रुलाती है जितना भूलना चाहूँ म उन यादों को वो यादें उतनी ही याद आती है।
वो मुझे भूल गयी है लेकिन
उसकी यादें अब भी मुझे रुलाती है
जितना भूलना चाहूँ म उन यादों को
वो यादें उतनी ही याद आती है।
चाहत बन गये हो तुम या आदत बन गयेहो तुम हर सांस में यू आते जाते हो जैसेमेरी इबादत बन गये हो तुम।
चाहत बन गये हो तुम या आदत बन गये
हो तुम हर सांस में यू आते जाते हो जैसे
मेरी इबादत बन गये हो तुम।
उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए..कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे..
मुश्किलें दिलो के इरादे आज़माएगी
ख्वाबो के परदे निगाहो से हटाएगी
गिरकर तुझे है समभलना
यह ठोकरें ही तुझे चलना सिखाएगी…