इकरार में शब्दों की एहमियत नही होती,दिल के जज़बात की आवाज़ नही होती,आँखें बयान कर देती हैं दिल की दास्तान,मोहब्बत लफज़ो की मोहताज़ नही होती!
साथ रोती थी हँसा करती थी
एक परी मेरे दिल में बसा करती थी
किस्मत थी हम जुदा हो गए वरना वो
मुझे अपनी तकदीर कहा करती थी
नहीं ‘मालूम ‘हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,बस इतना जानता हूं कि मुझको तेरी जरूरत है।
Bharam Rakho Mohabbat Ka
Wafa Ki Shaan Ban Jao,
Kisi Par Jaan De Do Ya
Kisi Ki Jaan Ban Jao,
Tumhare Naam Se Mujhko
Pukaare Yeh Jahan Wale,
Main Ban Jayun Afsaana
Aur Tum Unwaan Ban Jaao.