न मेरा एक होगा , न तेरा लाख होगा,
तारिफ तेरी ,न मेरा मजाक होगा,
गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा , तेरा भी खाक होगा
भरोसा क्या करना गैरों पर,जब गिरना और चलना है अपने ही पैरों पर।
Yeh Tere Ishq Ka Kitna Haseen Ehsaas Hai,
Lagta Hai Jaise Tu Har Pal Mere Paas Hai,
Mohabbat Teri Deewangi Ban Chuki Hai Meri,
Ab Zindgi Ki Aarzoo Sirf Tumhara Sath Hai.
तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा था
खबर तो रहती….सफर तय कितना करना है