मान लिया है मैंने..
नहीं आता मुझे मुहब्बत जाताना..
नादाँ तो तुम भी नहीं..
समझ ना सको शायरियों
में जिक्र तुम्हारा...!!
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू,सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
Jaane Kya Kami Hai Hum Me Ya Khuda,Jaane Kyu Sab Humse Khafa Rehte Hain,Humne To Chaha Banana Sab Ko Apna,Jaane Kyu Sab Humse Juda Rahte Hain.
Palkon Ki Hadd Ko Tod Kar Daaman Pe Aa Giraa,
Ek Ashq Mere Sabar Ki Toheen Kar Gayaa.
इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद,
मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद!!