काश एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
वो आके गले लगा ले मेरी इजाजत के बगैर।
वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे !!
बारिश में भीग के आये थे मिलने , शायद वो आंसु छुपा रहे थे !
इन अश्कों की आंखों से जुदाई कर देना,
अपने दिल से सारे गमो की जुदाई कर देना,
अगर फिर भी दिल न लगे जाने वफ़ा,
तो आकर मेरे घर की सफाई कर देना।
सास :- कितनी बार कहा की बहार
जाओ तो बिंदी लगा कर जाया करो..
आधुनिक बहु :- पर जीन्स पर बिंदी
कौन लगता है..?
सास :- तो मैंने कब कहा जीन्स पर लगा?
माथे पर लगा चुड़ैल, माथे पर..!
😂😂😂😂😂
मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं,आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं,आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं,जहाँ किसी ने कहा था कि ठहरो हम अभी आते है।