तेरा प्यार मेरी जिंदगी में
बहार ले कर आया है,
तेरे आने से पहले हर दिन
पतझड़ हुआ करता था।
तुझको खुदा ने रुक-रुक बनाया,
पूरी ज़माने की खुदाई तुझ में ही भर दी,
हर अंग तेरा जैसे ,
रह-रह तू बरसे सावन महीना…
उसके नर्म हाथों से फिसल जाती है चीज़ें अक्सर ….,
मेरा दिल भी लगा है उनके हाथो , खुदा खैर करे …
टीचर – संजू यमुना नदी कहॉं बहती है ?संजू – जमीन परटीचर – नक्शे में बताओं कहॉं बहती है ?संजू – नक्शे में कैसे बह सकती है, नक्शा गल नहीं जाएगा |
उठा लो दुपट्टे को ज़मीन से कहीं दाग़ न लग जाए,
पर्दे में रखो चेहरे को कहीं आग न लग जाए।