दो लड़के मिलते हैं
पहला : तूने मेरी Girlfriend को क्यों प्रपोज किया ?
दूसरा : देख भाई…
जब तक लड़की कुंवारी है
न हमारी है, न तुम्हारी है
बस सरकारी है
बडी लम्बी खामोशी से गुजरा हूँ मै,किसी से कुछ कहने की कोशिश मे।
“ज़िंदगी” की “तपिश” को
“सहन” कीजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं…
“उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे ,
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं…… !!