कैसे एक लफ्ज़ में बयां कर दूँ
दिल को किस बात ने उदास किया
नफरत को मोहब्बत की आँखों में देखा,
बेरुखी को उनकी अदाओं में देखा,
आँखें नम हुईं और मैं रो पड़ा…
जब अपने को गैरों की बाहों में देखा।
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
मेरी बहादुरी के किस्से कितने मशहूर थे इस शहर में,
पर तुझे खो जाने के डर ने मुझे कायर बना दिया...