वो लफ्ज बने हिनही
जो बयाँ कर सके
मुझे कितनीमोहब्बत
तुमसे है
Tujh Se Nahi Waqt Se Naraz Hu Main
Jo Kabhi Tumko Mere Liye Nahi Milta…!!!
ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों
में आने की आदत छोड़ दो तुम,
कसूर तुम्हारा होता है और
लोग मुझे आवारा समझते हैं
धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती ,
रात ढलती नहीं थम जाती है.
सर्द मौसम की एक दिक्कत है ,
याद तक जम के बैठ जाती है....
Ajab Muqaam Pe Thehra Huwa Hai Kafila Dil Ka…
Sukoon Dhundne Nikle The, Neende Bhi Gawa Bethe…