ऐसा कोई लड़कानहीं बना,
जो हम पर मरने काइरादा न रखे!!
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं
जब से बाजी, वफा की हारे हैं.
दोस्तों, हम भी गम के मारे हैं.
तुम हमारे सिवा,सभी के हो,
हम किसी के नहीं,तुम्हारे हैं
शायर तो हम
“दिल” से है….
कमबख्त “दिमाग” ने
व्यापारी बना दिया.
अपने साये से भी अश्कों को छुपा कर रोना
जब भी रोना तो चिरागों को बुझा कर रोना
जहाँ चोट खाना वहां मुस्कुराना
मगर इस अदा से के रोये सारा ज़माना