मुहमाँगा दाम दूंगा यारों
मुझे इक ऐसे काबिल
सपेरे से मिलवा दो …
कि जो आस्तीन में छुपे
साँपों को बाहर निकाल सके
शुभचिंतक वो नही होते जो आपसे रोज़ मिलें और बातें करें...
शुभचिंतक वो है जो आपसे रोज़ ना भी मिल सकें
फिर भी आपकी ख़ुशी के लिए प्रार्थना करें...
सुप्रभात
हाथ पर घड़ी कोईभी बँधी हो,
लेकिन वक़्त अपनाहोना चाहिए!!
हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँशीशे के महल बना रहा हूँ