रिश्ता ऐसा हो जिस पर नाज़ हो,
कल जितना भरोसा था उतना ही आज हो,
रिश्ता सिर्फ वो नहीं जो ग़म या ख़ुशी में साथ दे,
रिश्ते तो वो हैं जो हर पल अपनेपन का एहसास दें!
भरोसा क्या करना गैरों पर,जब गिरना और चलना है अपने ही पैरों पर।
Ajab Muqaam Pe Thehra Huwa Hai Kafila Dil Ka…
Sukoon Dhundne Nikle The, Neende Bhi Gawa Bethe…
क्रोध हवा का वह झोंका है
जो बुद्धि के दीपक को बुझा देता है
रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो उन्हें
तोड़ना मत क्योंकि पानी चाहे
कतना भी गंदा हो अगर
प्यास नहीं बुझा सकता
पर आग तो बुझा सकता है