ना जाने क्यों कोसते हैं लोग बदसूरती को…बर्बाद करने वाले तो हसीन चेहरे होते हैं….!!
तुम मुझे कभी दिल, कभी आँखों से पुकारो ग़ालिब,
ये होठो का तकलुफ्फ़ तो ज़माने के लिए है|
एक दिन सागर ने नदी से पुछा- कब तक मिलती रहोगी मुझ खारे पानी से।
नदी ने हस कर कहा – जब तक तुझमे मिठास न आ जाये।
मुहमाँगा दाम दूंगा यारों
मुझे इक ऐसे काबिल
सपेरे से मिलवा दो …
कि जो आस्तीन में छुपे
साँपों को बाहर निकाल सके