Yaad rahega ye dour- E hayaat humko
Ki tarse the zindgi me zindgi ke liye
ये मोहब्बत के हादसे अक्सर
दिलों को तोड़ देते हैं !
तुम मंजिल की बात करते हो
लोग राहों में ही साथ छोड़ देते हैं !
Mujhe mere Kal ki Fikar Aaj bhi nahi hai..
Par Khuwahish tO tujhe Paane ki Qayamat tak rahegi..
हमारी तड़प तो कुछ
भी नही है हुजुर
सुना है कि उसके दिदार के
लिए तो आईना भी तरसता है