उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए..कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे..
मैं तेरे हिज़ार की बरसात में कब तक भीगू!!ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती है..
मैंने तेरा नाम लेकर
ही सारे काम किये है
माँ,
और लोग समझते है
कि, बंदा बहुत किस्मत वाला है ।
ना गिन कर दिया
ना तोल कर दिया,
जब भी दिया
शेरोंवाली माँ ने,
दिल खोल कर दिया…
जय शेरोंवाली माँ