बहोत अंदर तक जला देती है,वो शिकायतें जो बयाँ नही होती..
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू,सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
हाथ पर घड़ी कोईभी बँधी हो,
लेकिन वक़्त अपनाहोना चाहिए!!
कोई मिला नहीं तुम जैसा आज तक,पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही