देखकर मेरी आँखें एक फकीर कहने लगा,
पलकें तुम्हारी नाज़ुक है,
खवाबों का वज़न कम कीजिये...!
मोहब्बत के चर्चे बहुत हैं यारों,
हुस्न के पर्चे बहुत है यारों,
मोहब्बत करने से पहले सोच लेना,
क्योंकि इसमें खर्चे बहुत है यारों।
Tum to hame barbad kar ke chal diye
Bewafai ki bhi mubarakbaad kar ke chal diye
Tumne kya socha tum dil tod ke khush rahoge
Ham bhi to apni shadi ka card tere ghar dhar ke chal diye..
Ek sukoon ki talash me jane kitni bechanni pal liAur log kehte hai hum bade ho gye humne zindgi sambhal li
बंदा नहीं है कोई टक्कर
का आज की तारीख में,
इसीलिए लफ्ज कम पड़
जाते है हमारी तारीफ़ में..!!