भरोसा क्या करना गैरों पर,जब गिरना और चलना है अपने ही पैरों पर।
कुछ लम्हे और उसका साथ चाहता था,
आँखों में थमी वो बरसात चाहता था !!
जानता हु बहुत चाहती थी वो,
मगर उसकी जुबान से 1 बार इज़हार चाहता था...!!
Akele hai to kya hua,Ye zindgi bhi guzar jayegi….
Hum apni tanhai mitane ke liye kisi ko majbur nahi karte…
Na Samet Sakoge Qayamat Tak Jise Tum,
Kasam Tumhari Tumhein Itni Mohabbat Karte Hain.