इतना प्यार तो
मैंने खुद से भी नहीं किया
जितना मुझे
तुमसे हो गया है
किसी को क्या बताये की कितने मजबूर हू ,
चाहा था सिर्फ एक तुमको और तुमसे ही दूर हू .
काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती,
पीछे से आकर वो हमारी आँखों को छुपाती,
हम पूछते की कौन हो आप …??
और वो मुस्करा कर खुदको हमारी जान बताती.
क्यूँ किसी की यादों को सोच कर रोया जाए,
क्यूँ किसी के ख्यालों में यूँ खोया जाए,
बाहर मौसम बहुत ख़राब हैं,
क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए...
बोलो है कोई वकील ऐसा इस जहान में
जो हारा हुआ इश्क जीता सके मुझको
सितारे लटके हुए हैं तागों से आस्माँ परचमकती चिंगारियाँ-सी चकरा रहीं आँखों की पुतलियों मेंनज़र पे चिपके हुए हैं कुछ चिकने-चिकने से रोशनी के धब्बेजो पलकें मूँदूँ तो चुभने लगती हैं रोशनी की सफ़ेद किरचेंमुझे मेरे मखमली अँधेरों की गोद में डाल दो उठाकरचटकती आँखों पे घुप्प अँधेरों के फाए रख दोयह रोशनी का उबलता लावा न अन्धा कर दे ।