सारी दुनिया के रूठ जाने की परवाह नहीं मुझे,
बस एक तेरा
खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है..!!
सब लुटाकर मिला दर्द ये,दर्द का मत दमन कीजिए,जो ये पतझर है जिन्दगी,प्राण ! उसको चमन कीजिए,किस तरफ पग बढ़ाकर चली,प्रेम-पथ पर गमन कीजिए....
खो गयी है मंजिले, मिट गए है सारे रस्ते,
सिर्फ गर्दिशे ही गर्दिशे, अब है मेरे वास्ते.
काश उसे चाहने का अरमान न होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता
न प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान न होता.
मेरे दर्द को भी आह का हक़ हैं,
जैसे तेरे हुस्न को निगाह का हक़ है
मुझे भी एक दिल दिया है भगवान ने
मुझ नादान को भी एक गुनाह का हक़ हैं
उसने कहा चले जाओ
मेरी ज़िन्दगी से,
मेने कहा कौन हो तुम
भाईसाहब!!