बाबा ने जिस पर भी डाली छाया
रातो रात उसकी किस्मत की पलट गई छाया
वो सब मिला उसे बिन मांगे ही
जो कभी किसी ने ना पाया
शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
पैसे से बिस्तर खरीदा जा सकता है, नींद नहीं
पैसे से महल खरीदा जा सकता है लेकिन खुशियाँ नहीं
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।
अरे बेपनाह मोहब्बत की थी हमने तुझसे ओ बेवफा !
तुझे दुःख दूं ये न होगा कभी खुद मर जाऊं यहीं ठीक है !!
क्रोध हमेशा मनुष्य को तब आता है
जब वह अपने आप को कमज़ोर और हारा हुआ पाता है