Zindagi Yun Hi Bahut Kam hai Mohabbat Ke Liye,
Fir Ek Dusre Se Rooth Kar Wakt Gawane Ki Jarurat Kya hai.
मैं तेरे हिज़ार की बरसात में कब तक भीगू!!ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती है..
लोग पूछते हैं की तुम क्यूँ अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
हमने कहा जो लब्जों में बयां हो जाये
सिर्फ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते…!!!
अरमान ही बरसो तक जला करते है हमेशा ,
इंसान तो इक पल मे खाक हो जाता है !!
हमने अपनी यादों के बागीचे मेंतेरी यादों के पौधे को सींच कर रख रखा था पर आप हमे अपनी यादों के बगीचे में लगी गंदी घास समझ कर भूल गये।
हमने अपनी यादों के बागीचे में
तेरी यादों के पौधे को सींच कर रख रखा था
पर आप हमे अपनी यादों के बगीचे में
लगी गंदी घास समझ कर भूल गये।