उसका दामन है बड़ा… दिया उसने अपना प्यार सारा
कहलाई वो स्त्री, कहलाई वो एक नारी
बनकर एक आर्दश उसने किया जग में उजियारा
हैप्पी इंटरनेशनल वुमेन्स डे।
एक याद से हैं आप ।
ये कला आपकी है ।
ख्यालों की ड्योढ़ी पर आ कर
चौखट पर हर्फ़ खिसका
अपनी जगह बना लेते हैं ।
कुछ लिहाज़
जो आप से जुड़े हैं ।
कुछ लिहाफ़
जो मैंने बुने हैं ।
मेरी कलम आपकी ही तलबगार है
ज़िंदगी 'गुलज़ार' है ।।
किस लोभ से “किसान” आज भी, लेते नही विश्राम हैं,
घनघोर वर्षा में भी करते निरंतर काम हैं
शिक्षा के प्रति प्रत्येक किसान को जागरूक होना चाहिए तभी उनका जीवन बेहतर हो सकता हैं.
Shash Dil me bhar de Maa,
Jeevan Tyag Tapomar karde Maa,
Sayam Sneh ka bhar de Maa,
Maa Saraswati Jivan me Ullash Bhar de.
तुझे ना पा सके तो भी सारी जिंदगी तुझे प्यार करेंगे
ये जरूरी तो नहीं जो मिल ना सके उसे छोड़ दिया जाये