Holi tyohar hai Rang aur Bhaang ka
Hum sab yaaron ka
Ghar mein aaye mehmano ka
Gali mein gali walon ka
Mohalle mein mahoul waalo ka
Desh mein deshwalo ka.
Boora naa maano Holi hai Holi hai
तू वाकिफ़ नहीं मेरी दीवानगी से…
जिद्द पर आऊँ तो..ख़ुदा भी ढूंढ लूँ …
निकलो गलियों में बना कर टोली
भिगा दो आज हर एक की झोली
कोई मुस्कुरा दे तो उसे गले लगा लो
वरना निकल लो, लगा के रंग कह के हैप्पी होली
ये मुझे चैन क्यों नहीं पड़ता ,
एक ही शख्स था क्या पुरे जहान में .....
मैं उसका हूँ, यह तो मैं जान गया हों लेकिन,
वह किस का है, ये सवाल मुझे सोने नहीं देता......
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश हैना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है..