तेरी बेवफाई का सौ बार शुक्रिया,
मेरी जान छूटी…इश्क़-ऐ-बवाल से.
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बात वफ़ाओ की होती, तो कभी न हारते,
बात नसीब की थी, कुछ ना कर सके।
क्यूँ शर्मिंदा करते हो रोज, हाल हमारा पूँछ कर..
हाल हमारा वही है, जो तुमने बना रखा है..
सोचा था तुझपे प्यार लुटाकर तेरे दिल में घर बनायेंगे…..हमे क्या पता था दिल देकर भी हम बेघर रह जाएँगे.…..
न मेरा एक होगा , न तेरा लाख होगा,
तारिफ तेरी ,न मेरा मजाक होगा,
गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा , तेरा भी खाक होगा