निकलो गलियों में बना कर टोली
भिगा दो आज हर एक की झोली
कोई मुस्कुरा दे तो उसे गले लगा लो
वरना निकल लो, लगा के रंग कह के हैप्पी होली
इस से पहले होली की शाम हो जाए,
बधाइयों का सिलसिला आम हो जाए,
भीड़ मे शामिल हमारा नाम हो जाए
क्यू ना होली की अभी से राम राम हो जाए
हम इस तरह होली के रंग फैलाएंगे
कि सबके संग हम भी रंगों में घुल जाएंगे
इस बार होली का रंग और भी गहरा होगा
क्योंकि दोस्तों के साथ दुश्मन का भी रंग होगा
हैप्पी होली
हफ़्तों तक खाते रहो,
गुझिया ले ले स्वाद.
मगर कभी मत भूलना
नाम भक्त प्रहलाद.