दिल में क्या फूल खिला करते थे,
अपना घर सजाने की खातिर,
हम उसका नाम लिखा करते थे,
कल उसे देखा तो याद आया
हम भी कभी मोहब्बत किया करते थे!!
होंठो ने मुस्कुराने से मना कर दिया..
आंसुओं ने बह जाने से मना कर दिया..
एक बार जो दिल टूटा प्यार में..
फिर इस दिल ने दिल लगाने
से मना कर दिया /...
लगता है मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर …
मेरी दुनिया में तेरी मौजूदगी यूँ ही तो नहीं है …
Ek raat dhadkan ne aankh se pucha.
tu dosti me itni kyu khoi hai?
Tab dil se awaj aayi doston ne hi
saari khusiyan di hai,
warna pyar karke toh ankh royi hai..
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।