तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना,
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।
बोलो है कोई वकील ऐसा इस जहान में
जो हारा हुआ इश्क जीता सके मुझको
Mera Shahar To Baarishon Ka Ghar ThehraYahan Ki Aankh Ho Ya Dil, Bahot Barasti Hain
Vo samjhta hai ki har shakhs badal jata hai…..
Ussey lagta hai zamana us ke jaisa hai….
“मेरे इश्क में दर्द नहीं था पर दिल मेरा बे दर्द नहीं था,
होती थी मेरी आँखों से नीर की बरसात,
पर उनके लिए आंसू और पानी में फर्क नहीं था ”!