बेवफाई उसकी दिल से मिटा के आया हूँ,
ख़त भी उसके पानी में बहा के आया हूँ,
कोई पढ़ न ले उस बेवफा की यादों को,
इसलिए पानी में भी आग लगा कर आया हूँ
वो अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना;
वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं।
Zulfe Teri Bikhri Bikhri Aur Anchal Bhi Sar Se Sarka
Dekh Ke Tera Yaovan Gori Tb Dil Mera Bhi Behka
मुहब्बत खूबसूरत होती होगी किसी और ज़माने में
हमपे जो गुजरी है वो हम ही जानते हैं
चिराग कोई जलाओ की हो वजूद का एहसास,
इन अँधेरों में मेरा साया भी छोड़ गया मुझको !!!