हम सिमटते गए उनमें और वो हमें भुलाते गए,
हम मरते गए उनकी बेरुखी से, और वो हमें आजमाते गए,
सोचा की मेरी बेपनाह मोहब्बत देखकर सीख लेंगी वफाएँ करना,
पर हम रोते गए और वो हमें खुशी खुशी रुलाते गए..
उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए..कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे..
मिलने का वादा कर गयी थी,
वापस लौट आउंगी ये कहकर गयी थी,
आई है अब वो जनाज़े पे मेरे,
वादा वो अपना निभाने चली थी!!
काश उन्हें चाहने का अरमान नही होता,में होश में होकर भी अंजान नही होता,ये प्यार ना होता, किसी पत्थर दिल से,या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता!
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se