दुनिया की भीड़ में,
सबसे करीब जो है|
मेरे पापा मेरे खुदा,
मेरी तक़दीर वो है |
इसी कशमकश में गुजर जाता है दिन
कि तुमसे बात करूं
या तुम्हारी बात करूं
धागा एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने पर भी गाँठ पड़ ही जाती है
उसी तरह रिश्ते एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने में एक गाँठ बन ही जाती है
दो लड़के मिलते हैं
पहला : तूने मेरी Girlfriend को क्यों प्रपोज किया ?
दूसरा : देख भाई…
जब तक लड़की कुंवारी है
न हमारी है, न तुम्हारी है
बस सरकारी है
यकीन और दुआ नज़र नहीं आते मगर,
नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।