दुनिया की भीड़ में,
सबसे करीब जो है|
मेरे पापा मेरे खुदा,
मेरी तक़दीर वो है |
घमंड ही नहीं गुरुर है अपने किसान होने का।
बढ़ रही हैं कीमते अनाज की,
पर हो न सकी विदा बेटी किसान की
जीवन बहती नदी है, अतः हर परिस्थिति में आगे बढे
जहा कोशिश का कद बड़ा होता है
वह नसीबो को भी झुकना पड़ता है
कोई वादा ना कर, कोई ईरादा ना कर!
ख्वाईशो मे खुद को आधा ना कर!
ये देगी उतना ही, जितना लिख दिया खुदा ने!
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर!
सभी जीवों में केवल इंसान ही पैसा कमाता है
और कितनी अजीब बात है कि
कोई जीव कभी भूखा नहीं मरता और
इंसान का कभी पेट नहीं भरता