दुनिया की भीड़ में,
सबसे करीब जो है|
मेरे पापा मेरे खुदा,
मेरी तक़दीर वो है |
मन छोड़ व्यर्थ की चिंता तू शिवका नाम लिये जाशिव अपना काम करेंगे तू अपना काम किये जाशिव शिव शिव ऊँ: नम: शिवाय
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.
Hum toh fanaah ho gaye uski ankhen dekh kar Ghalib,Na jane woh Aaina kaise dekhte honge.
चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं।