ज़िंदगी बहुत छोटी है इसे दुखी रहकर बर्बाद न करे,
स्वछंद रहे, खुश रहे, वो करे जो आप करना चाहते हे |
भय से तब तक ही डरना चाहिये जब तक भय (पास) न आया हो। आये हुए भय को देखकर बिना शंका के उस पर् प्रहार् करना चाहिये।
संकट के समय धैर्य धारण करना
मानो आधी लड़ाई जीत लेना है
परिश्रम वह चाबी है
जो सौभाग्य के द्वार खोलती है
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक किसान को छलता रहेगा.