ना जाने क्या कमी है मुझमें, ना जाने क्या खूबी है उसमें, वो मुझे याद नहीं करती, मैं उसको भूल नहीं पाता ..
अपने खिलाफ बाते खामोशी से सुन लो,यकीन मानो वक्त बेहतरीन जवाब देगा।
बलबुध्धि विद्या देहू मोहि
सुनहु सरस्वती मातु
राम सागर अधम को
आश्रय तूही देदातु!!
कोई पुछ रहा हे मुजसे मेरी जीन्दगी की कीमंत....मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना......