रात है काफ़ी, ठंडी हवा चल रही है,
याद में आपकी किसी की मुस्कान खिल रही है,
उनके सपनो की दुनिया में आप खो जाओ,
आँख करो बंद ओर आराम से सो जाओ
चल कोई बात नही,
तू जो मेरे साथ नहीं,
मैं रो पडू तेरे जाने के बाद,
इतनी भी तेरी औकात नहीं!!
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..!
वो बेवफा हर बात पे देता है परिंदों की मिसाल,
साफ साफ नहीं कहता मेरा शहर छोड़ दो।