और इतनी भी उदासी किस काम की
थोड़ा इश्क़ करलो वरना जिंदगी किस काम की
मुद्दतों राब्ता नही मिलताकोई भी रास्ता नही मिलतानींद रूठी है जबसे आँखों सेख्वाबों से वास्ता नही मिलता..
काश उन्हें चाहने का अरमान नही होता,में होश में होकर भी अंजान नही होता,ये प्यार ना होता, किसी पत्थर दिल से,या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता!
वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं,
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
फिर से मिले वो आज अजनबी से बनकर,और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई।