और इतनी भी उदासी किस काम की
थोड़ा इश्क़ करलो वरना जिंदगी किस काम की
Hasai to hasi lav,
Radai to radi lav,
Sangraam chhe jindagi,
Ladai to ladi lav.
ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है,,,,,,।।
सपनो से दिल लगाने की आदत नहीं रही,
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,
ये सोच के की कोई मनाने नहीं आएगा,
हमें रूठ जाने की आदत नहीं रही |
पुराने शहरों के मंज़र निकलने लगते हैंज़मीं जहाँ भी खुले घर निकलने लगते हैं
मैं खोलता हूँ सदफ़ मोतियों के चक्कर मेंमगर यहाँ भी समन्दर निकलने लगते हैं