मैंने कब कहा तू मुझे गुलाब दे...
या फिर अपनी मोहब्बत से नवाज़ दे...
आज बहुत उदास है मन मेरा.....
गैर बनके ही सही तू बस मुझे आवाज़ दे...!!
ना जाने क्या अपनापन हैं तेरी बातों में,
के हर पल ये दिल… ❤
तुम्हें मिलने के लियें पागलपन करता हैं…
बडी लम्बी खामोशी से गुजरा हूँ मै,किसी से कुछ कहने की कोशिश मे।
जिंदगी बहुत खूबसूरत है सब कहते थे
जिस दिन तुझे देखा तो मुझे
यकीन भी हो गया…
वह अपने करम उँगलियों पर गिनते हैं,
पर ज़ुल्म का क्या जिनके कुछ हिसाब नहीं
हम दूर तक यूँ ही नहीं पहुंचे ग़ालिब ,
कुछ लोग कन्धा देने आ गए थे...