अगर आप चाहते हो की सभी लोग आपको "अच्छा" कहे ,
तो आप अपना नाम ही "अच्छा" रख लो |
त्याग दी सब ख्वाहिशें
कुछ अलग करने के लिए
“राम” ने खोया बहुत कुछ
“श्री राम” बनने के लिए
“ज़िंदगी” की “तपिश” को
“सहन” कीजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं…
न हो तो रोती हैं जिदे, ख्वाहिशों का ढेर होता हैं,
पिता हैं तो हमेशा बच्चो का दिल शेर होता हैं.
दुनिया में सब चीज मिल जाती है,….
केवल अपनी गलती नहीं मिलती…..