ये मिलावटी रिश्तो का दौर है साहब..
यहाँ नफरतो से इल्जाम भी सादगी के लिबास में लगाए जाते है..
ज़िन्दगी एक पल है, जिसमें न आज है न कल है,
जी लो इसको इस तरह, की जो भी आपसे मिले वो यही कहे,
बस यही मेरी ज़िन्दगी का सबसे हसीं पल है।
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं
दुःख में इंसान ईश्वर को याद करता है लेकिन सुख में इंसान ईश्वर को भूल जाता है।
अगर सुख में भी इंसान ईश्वर के करीब रहे तो दुःख ही क्यों हो
मुहमाँगा दाम दूंगा यारों
मुझे इक ऐसे काबिल
सपेरे से मिलवा दो …
कि जो आस्तीन में छुपे
साँपों को बाहर निकाल सके