एक थी चाय एक था बिस्किट
फिर मत पूछो क्या हुआ?
डूब गया बेचारा बिस्किट
चाय के इश्क में..
भुलाया उनको जाता है जो दिमाग में बसते है,
दिल में बसने वालो को भूलना नामुमकिन है!!
कदम डग मगा गये युही रास्ते से
वरना सम्भलना हम भी जानते थे,
ठोकर लगी तोभी उस पत्थर से
जिसे हम अपना खुदा मानते थे।।
Main uske haathon ka khilona hi sahi;
kuch der ke liye hi sahi, usne mujhe chaha to hai..
चारो तरफ हो खुशियाँ ही खुशियाँ,
मीठी पूरनपोली और गुजियां ही गुजियां
द्वारे सजती सुंदर रंगोली की सौगात
आसमान में हर तरफ पतंगों की बरात
सभी का शुभ हो नव वर्ष हर बार