"कैसे कह दूँ कि
थक गया हूँ मै
ना जाने किस किस का
हौसला हूँ मै"
अगर भरोसा उपरवाले पर है,
तो लिखा तक़दीर में है वही पाओगे,
मगर भरोसा अगर खुद पर है,
वाही पाओगे जो आप चाहते हो।
परिश्रम वह चाबी है
जो सौभाग्य के द्वार खोलती है
अपने खिलाफ बाते खामोशी से सुन लो,यकीन मानो वक्त बेहतरीन जवाब देगा।
चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं।