ठंड क्या है… क्या है ठंड ???
– हमारे आत्मबल से ठंड का बल ज्यादा है…
ये सोचना “ये है ठंड”
– उससे डरकर, हाथ पैर धोकर, बिना नहाये,
बाथरुम से पीठ दिखाकर भागना “ये है ठंड”
उस ठंड को मारने जा रहा हुँ मैं…
उसकी छाती चीरकर, साबुन से नहाने जा रहा हुँ मैं…
जय माहिस्मती…