बहारो में बहार बसंत
मीठा मौसम मीठी उमंग
रंग बिरंगी उड़ती आकाश में पतंग
तुम साथ हो तो है इस ज़िंदगी का और ही रंग
हैप्पी बसंत पंचमी
Meri Dehleez Par Aa Ruki Hai MOHABBAT Ab Kya Karoon Tu Hi Bata Aye Mere Khuda…
Mehmaan Nawazi Ka Shoq Bhi Hai Aur Ujad Jane ka Khauf Bhi…..
जिंदगी एक सजासी हो गई है,
गम के सागर मे कुछ इस कदर खो गयी है,
तुम आजाओ वापिस ये गुजारिश है मेरी,
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है ।
वीणा लेकर हाथ में, सरस्वती हो आपके साथ में
मिले मां आर्शीवाद आपको हर दिन, हर वार
हो मुबारक बसंत पंचमी का त्यौहार
बंसत पंचमी की शुभकामनाएं।
Chhed Aati Hain Kabhi Lab Ko Kabhi Rukhsaro Ko,
Tumne Zulfon Ko Bahut Sar Chada Rakha Hai.