वो बचपन की शरारते, वो झूलों पे खेलना
वो माँ का डांटना, वो पापा का लाड-प्यार
पर एक चीज़ और जो इन सब में ख़ास है
वो है मेरी प्यारी बहन का प्यार
तू बन जा मेरी कि इस कदर चाहूंगा तुझे
कि लोग दुआ करेंगे तुझसा नसीब पाने के लिए
इस अदा से गर क़तल करोगे,
बे-मौत ही मर जायेंगे परवाने,
शमा रोशन तो हो एक बार,
देखें कितना दम है तेरी रोशनी में..
जिंदगी का हर लम्हा कुछ सिखाता है
इस साल ने भी बहुत कुछ सिखाया है
नया सीखते रहिये कभी तो काम आएगा
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
शायर तो हम
“दिल” से है….
कमबख्त “दिमाग” ने
व्यापारी बना दिया.