“Unko ye dar nahi ki ab maut unke aur kareeb hai par unko sirf ye dar hai ki dhalti umar ke saath unki khane- peeni ki azadi, ghumne- firne ki azadi, apni sharto par jeene ki azadi chhin jaayegi.”
Suruaat Se Dekhne Ki Aadat He Hume..Chahe Vo Film Ho Ya Dushman Ki Barbadi..
जिसकी नीति अच्छी होगी,
उसकी हमेशा उन्नत होगी,
“मैं श्रेष्ट हूँ”… यह आत्मविश्वास है,
लेकिन
“सिर्फ मैं ही श्रेष्ट हूँ”…यह अहंकार है।
भय से तब तक ही डरना चाहिये जब तक भय (पास) न आया हो। आये हुए भय को देखकर बिना शंका के उस पर् प्रहार् करना चाहिये।
अगर तुमसे कोई पूछे बताओ ज़िन्दगी क्या है,हथेली पर जरा सी राख़ रखना और उड़ा देना।