कहते हैं अलविदा हम अब इस जहान को,
जा कर ख़ुदा के घर से अब आया न जाएगा,
हमने लगाई आग हैं जो इंकलाब की,
इस आग को किसी से बुझाया ना जाएगा.
तुम्हारी प्यारी सी नज़र अगर इधर नहीं होती,नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती,तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है,फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर नहीं होती.
न चांद होगा ना तारे होंगे,क्या हम इस साल भी कुंवारे होंगे ,इस दुनिया में कितनों के निकाह हो गए ,क्या हमारे नसीब में सिर्फ निकाह के छुहारे होंगे।
मेरी बर्बादी पर तू कोई मलाल ना करना,भूल जाना मेरा ख्याल ना करना,हम तेरी ख़ुशी के लिए कफ़न ओढ़ लेंगे,पर तुम मेरी लाश ले कोई सवाल मत करना!
खुदा मुझ पर एक नजर कर दे
उस अजनबी को मेरा हमसफर कर दे
जब भी वो सांस ले उसे मेरा नाम सुनाई दे
मेरी चाहत का उस पर इस कदर असर कर दे